Kendriya Vidyalaya Teacher 2025: केंद्रीय विद्यालय शिक्षक पदों पर भर्ती बिना परीक्षा चयन
Kendriya Vidyalaya Teacher: भारत की शिक्षा प्रणाली में केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) का विशेष स्थान है। यह संस्थान केंद्र सरकार द्वारा संचालित हैं और इनका मुख्य उद्देश्य उन बच्चों को निरंतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है जिनके माता-पिता सरकारी सेवाओं, विशेषकर रक्षा, अर्धसैनिक बलों या केंद्रीय विभागों में कार्यरत हैं। इन परिवारों के स्थानांतरण की स्थिति में भी विद्यार्थियों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए, इसके लिए यह विद्यालय प्रणाली विकसित की गई है। इस व्यवस्था के कारण बच्चे पूरे देश में कहीं भी जाएं, उन्हें समान स्तर की शिक्षा और वातावरण प्राप्त होता है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन (Kendriya Vidyalaya Sangathan – KVS) की स्थापना 15 दिसंबर 1963 को की गई थी। यह एक स्वायत्त निकाय है जो भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) के अंतर्गत कार्य करता है। स्थापना के बाद से ही इस संस्था ने शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है।
आज के समय में देश के लगभग 1250 से अधिक केंद्रीय विद्यालय सक्रिय रूप से कार्यरत हैं, जो हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में फैले हुए हैं। इसके अलावा, विदेशों में भारतीय दूतावासों के सहयोग से भी कुछ केंद्रीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जिससे प्रवासी भारतीयों के बच्चों को भी भारतीय शिक्षा प्रणाली से जोड़ने का अवसर मिलता है। केंद्रीय विद्यालयों का प्रमुख लक्ष्य विद्यार्थियों में राष्ट्रीय एकता, अनुशासन, नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे मूल्यों का विकास करना है। आधुनिक तकनीक, डिजिटल शिक्षा, और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों के माध्यम से ये विद्यालय शिक्षा को व्यवहारिक और रोचक बनाते हैं।
शिक्षकों की भूमिका और वर्गीकरण
केंद्रीय विद्यालयों की सफलता का सबसे बड़ा आधार उनके योग्य और प्रशिक्षित शिक्षक हैं। शिक्षकों की भर्ती राष्ट्रीय स्तर पर पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से की जाती है। ये शिक्षक न केवल शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों को मुख्य रूप से चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है —
- प्राथमिक शिक्षक (PRT)
- प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT)
- स्नातकोत्तर शिक्षक (PGT)
- विशेष विषय शिक्षक (Special Teachers)
इन पदों में अनुभव, योग्यता और जिम्मेदारी के आधार पर अंतर होता है। प्रत्येक श्रेणी का अपना विशेष योगदान है जो विद्यालय के समग्र संचालन में संतुलन बनाए रखता है।
प्राथमिक शिक्षक (PRT): बच्चों की नींव मजबूत करने वाले
प्राथमिक शिक्षक (PRT) कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को पढ़ाते हैं। इनकी जिम्मेदारी केवल पाठ्यक्रम पूरा कराना ही नहीं बल्कि बच्चों में मूलभूत ज्ञान, अनुशासन और नैतिकता का विकास करना भी है। यह शिक्षक बच्चों को भाषा, गणित, पर्यावरण अध्ययन और सामाजिक व्यवहार जैसी बुनियादी चीजों से परिचित कराते हैं।
इस पद के लिए उम्मीदवार के पास 12वीं में कम से कम 50% अंक होना आवश्यक है, साथ ही D.El.Ed, JBT या B.Ed में से किसी एक में प्रशिक्षण अनिवार्य है। इसके अलावा CTET (Central Teacher Eligibility Test) का पहला पेपर पास करना जरूरी है। इस पद के लिए अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष रखी गई है।
प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT): माध्यमिक शिक्षा के स्तंभ
TGT शिक्षक कक्षा 6 से 10 तक के छात्रों को पढ़ाते हैं। ये शिक्षक हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत और कला जैसे विषयों में विशेषज्ञ होते हैं।
उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री और B.Ed की डिग्री होनी चाहिए। साथ ही CTET का दूसरा पेपर पास करना अनिवार्य है।
इस पद के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष निर्धारित की गई है। TGT शिक्षक छात्रों में विषय के प्रति रुचि जगाते हैं और उन्हें बोर्ड परीक्षा एवं प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए तैयार करते हैं।
स्नातकोत्तर शिक्षक (PGT): उच्च शिक्षा के मार्गदर्शक
PGT शिक्षक कक्षा 11 और 12 के छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं। वे अपने विषय में गहराई से ज्ञान रखते हैं और विद्यार्थियों को करियर-उन्मुख शिक्षा प्रदान करते हैं। इनके प्रमुख विषय हैं – गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी, अर्थशास्त्र, भूगोल, वाणिज्य और कंप्यूटर विज्ञान।
उम्मीदवार के पास संबंधित विषय में स्नातकोत्तर डिग्री और B.Ed होना आवश्यक है। इस पद के लिए CTET आवश्यक नहीं है। अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष रखी गई है।
PGT शिक्षक विद्यार्थियों को न केवल बोर्ड परीक्षा बल्कि IIT, NEET, UPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार करते हैं।
विशेष विषय शिक्षक और आयु छूट की नीति
विशेष विषय शिक्षक विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करते हैं। इसमें संगीत, कला, कंप्यूटर, शारीरिक शिक्षा, योग, और पुस्तकालयाध्यक्ष जैसे पद शामिल हैं। ये शिक्षक बच्चों की छिपी प्रतिभाओं को पहचानते हैं और उन्हें सांस्कृतिक, खेलकूद एवं रचनात्मक गतिविधियों की दिशा में प्रेरित करते हैं।
सरकार ने विभिन्न वर्गों के उम्मीदवारों के लिए आयु में छूट (Age Relaxation) का प्रावधान किया है —
- अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST): 5 वर्ष की छूट
- अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC): 3 वर्ष की छूट
- सामान्य श्रेणी की महिला उम्मीदवार: 10 वर्ष की छूट
- दिव्यांग अभ्यर्थी (PwD): 10 वर्ष या उससे अधिक की छूट
यह नीति सभी वर्गों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करती है।
आवेदन प्रक्रिया और चयन
केंद्रीय विद्यालय संगठन समय-समय पर शिक्षण एवं गैर-शिक्षण पदों के लिए भर्ती अधिसूचनाएं (Recruitment Notifications) जारी करता है। योग्य अभ्यर्थी इसकी आधिकारिक वेबसाइट kvsangathan.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, डेमो क्लास, और साक्षात्कार (Interview) शामिल होते हैं। चयन के बाद उम्मीदवारों को देश के किसी भी हिस्से में पदस्थापित किया जा सकता है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन केवल एक शिक्षण संस्था नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता, अनुशासन और उत्कृष्टता का प्रतीक है। यहां शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रहती, बल्कि छात्रों में एक संतुलित व्यक्तित्व और जिम्मेदार नागरिक बनने की भावना भी विकसित की जाती है।
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Mamta Saini
प्राथमिक शिक्षक
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