Contract Employees Regular: संविदा कर्मचारियों को नियमित करने को लेकर नया आदेश जारी
Contract Employees Regular: सरकारी विभागों में सालों से संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए एक अहम फैसले के तहत अब लंबे समय से सेवाएं दे रहे संविदा कर्मचारियों को स्थायी रूप से नियुक्त किया जाएगा। इस फैसले से लाखों कर्मचारियों की उम्मीदें पूरी हो गई हैं, जो वर्षों से स्थायीत्व की मांग कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्णय
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि जो संविदा कर्मचारी 10 वर्षों या उससे अधिक समय से सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें नियमित किया जाएगा। कोर्ट ने राज्य सरकार की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें इस फैसले को चुनौती दी गई थी। अब अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए संबंधित राज्य सरकारों को नियमितीकरण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करनी होगी।
क्या मिलेंगी सुविधाएं?
नए आदेश के अनुसार, नियमित होने के बाद संविदा कर्मचारियों को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
- स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन
- महंगाई भत्ता और अन्य भत्ते
- पेंशन और भविष्य निधि की सुविधा
- ट्रांसफर और प्रमोशन के अवसर
- नौकरी की सुरक्षा
राजस्थान सरकार की तैयारी
राजस्थान सरकार ने पहले ही “राजस्थान कंस्ट्रक्शन टू सिविल पोस्ट रूल 2022” नामक एक नीति दस्तावेज तैयार किया था, जिसमें संविदा कर्मचारियों को स्थायी करने से जुड़ी प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है। साथ ही, वित्त विभाग ने भी इस विषय में दिशा-निर्देश जारी किए थे। अब जब कोर्ट का आदेश मिल चुका है, तो इस प्रक्रिया को लागू करने की उम्मीद की जा रही है।
कितने कर्मचारी होंगे लाभान्वित?
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद राजस्थान राज्य में फिलहाल 748 संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का रास्ता साफ हो चुका है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने संविदा कर्मियों के मानदेय में 5% की वृद्धि करने का निर्णय भी लिया है, जिससे मौजूदा कर्मचारियों को आर्थिक रूप से कुछ राहत मिलेगी।
संविदा कर्मचारियों के लिए यह समय उम्मीद और बदलाव का है। लंबे समय से जिस स्थायीत्व की मांग की जा रही थी, अब वह साकार होती दिख रही है। हालांकि सरकार को इस प्रक्रिया में वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित बनाना एक सकारात्मक कदम है। यह फैसला न केवल कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा।