8th Pay Commission: फिटमेंट फैक्टर पर नई संभावनाएँ और कर्मचारियों-पेंशनरों की आय पर इसका असर
8th Pay Commission: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए प्रत्येक वेतन आयोग का सबसे महत्वपूर्ण पहलू होता है—फिटमेंट फैक्टर। यही वह गुणक है जो मौजूदा मूल वेतन (Basic Pay) को नए वेतन ढाँचे से जोड़ता है। नवंबर की शुरुआत में जब केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) की घोषणा की, उसी समय से यह बहस एक बार फिर तेज हो गई कि अगला फिटमेंट फैक्टर कितना हो सकता है।
सरकार की वित्तीय स्थिति, महंगाई के स्तर और कर्मचारियों के हितों के बीच संतुलन बनाने वाला यह एक जटिल आर्थिक निर्णय होता है। इस लेख में हम फिटमेंट फैक्टर के निर्धारण के आधार, पिछले आयोगों के अनुभव और 8वें वेतन आयोग के संभावित गुणक का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं।
फिटमेंट फैक्टर कैसे तय होता है?
पेरोल और टैक्स एडवाइजरी से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार फिटमेंट फैक्टर कोई फिक्स फॉर्मूला नहीं है बल्कि एक मल्टीप्लायर है जिसे कई आर्थिक संकेतकों का गहन अध्ययन करने के बाद तय किया जाता है। इस प्रक्रिया में निम्न पहलुओं को विशेष महत्व दिया जाता है:
- महंगाई दर और CPI/CPI-IW इंडेक्स
- राजकोषीय घाटा और सरकारी वित्तीय क्षमता
- निजी क्षेत्र के वेतन रुझान
- वेतन बजट का कुल भार
- मौजूदा बेसिक पे + ग्रेड पे का औसत स्तर
सरकार और आयोग दोनों इस गुणक को इस तरह से तय करते हैं कि कर्मचारियों को वास्तविक राहत मिले, लेकिन राजकोष पर अचानक अत्यधिक बोझ भी न पड़े।
8th Pay Commission पिछले वेतन आयोगों में फिटमेंट फैक्टर का बदलाव
हर वेतन आयोग ने अपनी समयावधि की आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार फिटमेंट फैक्टर तय किया। दो मुख्य उदाहरण बेहद महत्वपूर्ण हैं:
6वां वेतन आयोग
- आयोग की प्रारंभिक सिफारिश: 1.74 गुना
- कर्मचारी संगठनों के दबाव के बाद सरकार ने इसे बढ़ाकर 1.86 किया।
- इसी आयोग में 24% डीए और 50% डियरनेस पे को बेसिक में जोड़कर वास्तविक बढ़ोतरी सुनिश्चित की गई।
7वां वेतन आयोग
- आयोग ने सभी स्तरों के लिए 2.57 का समान फिटमेंट फैक्टर अपनाया।
- 2016 तक डीए 125% हो चुका था, इसलिए वास्तविक प्रभाव लगभग 2.25 गुना था।
- इसके ऊपर 14% की वास्तविक बढ़ोतरी जोड़कर 2.57 गुणक तय किया गया।
ये उदाहरण दिखाते हैं कि फिटमेंट फैक्टर हमेशा आर्थिक वातावरण और कर्मचारियों की जरूरतों के अनुसार बदलता है।
क्या फिटमेंट फैक्टर सभी लेवल पर समान रहता है?
7वें सीपीसी में इसे सभी पे-लेवल (Level 1 से Level 18) पर समान रखा गया था। हालाँकि, Index of Rationalisation (IoR) अलग-अलग ग्रेड के अनुसार बदलता है, लेकिन यह फिटमेंट फैक्टर से अलग एक गणनात्मक मैट्रिक्स है। संभावना है कि 8वें सीपीसी में भी एकसमान मल्टीप्लायर अपनाया जाए।
फिटमेंट फैक्टर पर अंतिम फैसला कौन लेता है?
वेतन आयोग केवल सिफारिश करता है। अंतिम निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) लेता है।
6वें वेतन आयोग में सरकार ने आयोग की अनुशंसा से अधिक गुणक मंजूर करके यह स्पष्ट कर दिया था कि कर्मचारी हित भी समीकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। इसलिए 8वें वेतन आयोग में भी यह संभव है कि अंतिम गुणक आयोग से हटकर सरकार द्वारा संशोधित किया जाए।
डीए और वार्षिक वृद्धि का फिटमेंट फैक्टर पर प्रभाव
महंगाई भत्ता (DA) और वार्षिक इंक्रीमेंट दोनों मिलकर इस गुणक की गणना को प्रभावित करते हैं।
- यदि डीए लगातार बढ़ रहा हो और नया वेतन संशोधन देर से लागू हो, तो फिटमेंट फैक्टर का आधार स्वतः बढ़ जाता है।
- किंतु सरकार की वित्तीय क्षमता यह निर्धारित करती है कि वास्तविक वृद्धि कितनी दी जा सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जब डीए को बेसिक वेतन में जोड़ा जाता है, तो वास्तविक बढ़ोतरी उतनी बड़ी नहीं दिखती जितनी कागज़ पर लगती है।
8th Pay Commission का संभावित फिटमेंट फैक्टर
कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के अनुमानों के अनुसार, वर्तमान आर्थिक संकेतक निम्न प्रकार की संभावनाएँ दिखाते हैं:
- 58% मौजूदा डीए
- अगले डेढ़–दो वर्षों में लगभग 7% डीए की संभावित वृद्धि
- दो साल की औसत इंक्रीमेंट बढ़ोतरी
- परिवार इकाई के औसत आकार में बढ़ोतरी
इन सभी को मिलाकर वर्तमान 1.58 गुणक लगभग 1.98 के आसपास पहुँचता है। यदि इसके ऊपर लगभग 15% महंगाई प्रभाव जोड़ा जाए, तो फिटमेंट फैक्टर 2.10 से 2.15 के बीच पहुँच सकता है।
वेतन पर संभावित प्रभाव (अंदाजन गणना)
नीचे दी गई सारणी में दो अलग-अलग संभावित परिदृश्यों—2.0 और 2.2 फिटमेंट फैक्टर—पर नया अनुमानित वेतन दिखाया गया है:
| मौजूदा बेसिक पे | 2.0 फिटमेंट फैक्टर पर नया अनुमानित वेतन | 2.2 फिटमेंट फैक्टर पर नया अनुमानित वेतन |
| ₹18,000 | ₹36,000 | ₹39,600 |
| ₹25,000 | ₹50,000 | ₹55,000 |
| ₹50,000 | ₹1,00,000 | ₹1,10,000 |
पेंशन पर प्रभाव
यदि फिटमेंट फैक्टर 2.0 मानें और किसी पेंशनर का पुराना बेसिक ₹25,000 है:
- नया संशोधित बेसिक ₹50,000
- नई पेंशन ₹25,000 (50%)
इस प्रकार पेंशनरों को भी वेतन वृद्धि का सीधा लाभ मिलता है।
कितना हो सकता है 8वें वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर?
विशेषज्ञों, कर्मचारी नेताओं और मौजूदा आर्थिक स्थिति के संकेतों के आधार पर संभावित दायरा इस प्रकार माना जा रहा है:
संभावित रेंज: 2.0 से 2.2 के बीच
हालाँकि अंतिम निर्णय निम्न बिंदुओं पर निर्भर करेगा:
- केंद्र सरकार की राजकोषीय स्थिति
- वेतन आयोग की औपचारिक सिफारिश
- कर्मचारी महासंघों का दबाव
- महंगाई और डीए का वास्तविक स्तर
8वें वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों की आय में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। हालाँकि अभी अंतिम संख्या घोषित नहीं हुई है, लेकिन मौजूदा आर्थिक स्थिति, बढ़ते डीए और पिछले वेतन आयोगों के पैटर्न को देखते हुए इसका स्तर 2.0–2.2 की सीमा में रहने की संभावना सबसे ज्यादा मानी जा रही है।
सरकार की अंतिम मंजूरी ही तय करेगी कि कर्मचारियों और पेंशनरों को वास्तविक तौर पर कितनी वृद्धि मिलेगी।




